Wednesday 29 November 2017

अंडा करी या एग करी बनाने का आसान और फ़ास्ट तरीका

अंडा करी या एग करी जिसे एग कोरमा भी कहते है बहुत टेस्टी और कंफर्ट फ़ूड है।इंडिया में काफी पॉपुलर भी है। एग करी अलग अलग जगहों पर अलग अलग तरीको से बनाई जाती है और नॉन, रोटी , और परांठा आदि के साथ सर्व की जाती है। आज हम शेयर कर रहे है एग करी या एग कोरमा बनाने का आसान और फ़ास्ट तरीका
सामग्री - 
4 उबले अंडे
2 प्याज की पेस्ट
2 टमाटर की प्यूरी
2 चाय का चम्मच अदरक लहसुन पेस्ट
1/2 कप दही
थोड़ा धनिया, हल्दी पाउडर, गर्म मसाला पाउडर
लाल मिर्च, नमक स्वादानुसार
1 छोटा चम्मच साबुत गर्म मसाला
1/2 छोटा चम्मच कसूरी मेथी
1/2 छोटा चम्मच मैथी दाना
3 बड़े चम्मच तेल
विधि -  सबसे पहले एक फ्राई पेन में 1 बड़ा चम्मच तेल गर्म करके अंडो को हल्का फ्राई कर ले।अब एक दूसरे बर्तन में 2 बड़े चम्मच तेल गर्म करें। उसमे साबुत गर्म मसाला और मेथी दाना डालकर फिर प्याज की पेस्ट डाले।5 मिनट भूनकर अदरक लहसुन पेस्ट और सभी सूखे मसाले डाले।फिर टमाटर की प्यूरी और दही डालकर अच्छी तरह भुने।कसूरी मेथी डाले और फिर फ्राई किये हुए अंडे डालकर 5 मिनट पकाये।अब एक कप पानी डालकर मीडियम आंच पर 5 मिनट और पकाये और हरा धनिया व पिसा गर्म मसाला से गार्निश करके गर्मा गर्म रोटी या नॉन के साथ परोसें।

Wednesday 22 November 2017

पालक के औषधीय गुण, सब्जी ही नही दवा भी है पालक

पालक जिसे हम सब्जी की तरह इस्तेमाल करते है इसमें औषधीय गुण भी होते है।इसमें आयरन,कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, फास्फोरस, खनिज लवण, प्रोटीन, विटामिन ए व सी आदि तत्व पाए जाते है।

लौह तत्व की कमी की वजह से रक्ताल्पता या एनीमिया में पालक का सेवन अत्यंत लाभकारी है।

ऐसे रतौन्धी रोगी जिन्हें हल्के प्रकाश में स्पष्ट दिखाई नही देता उन्हें गाजर व टमाटर के रस में बराबर मात्रा में पालक का जूस देने से लाभ होता है।

पालक के रस में सेंधा नमक मिलाकर पीने से दमा और श्वास रोगों में लाभ होता है।

ब्लड प्रेशर के रोगियों को पालक का सेवन अधिक करना चाहिये। यह रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है।

पालक के निरंतर सेवन से रंग में निखार आता है।रक्त शुद्धि और शक्ति का संचार होता है।

शारीरिक दुर्बलता के लिए पालक और टमाटर का रस मिलाकर सेवन करना लाभप्रद होता है।

कैल्शियम से भरपूर पालक हड्डियों के लिए भी गुणकारी है।

गर्भावस्था में फोलिक एसिड की पूर्ति के लिए पालक का सेवन लाभप्रद है।

ककड़ी, गाजर और पालक का रस समान मात्रा में बनाकर पीने से बालों को लाभ होता है।बाल लंबे और घने होते है।

Thursday 8 June 2017

भोजन जो रखे श्वसन तंत्र दुरुस्त food for lungs health

फेफड़ो के स्वास्थ्य और वायु प्रदूषण व धुम्रपान के नुकसान को कम करने और lungs cleansing के लिए कुछ तरह के फ़ूड में मेडिकल प्रॉपर्टीज होती हे। ये भोज्य पदार्थ बहुत लाभकारी हे और आसानी से हर घर में उपलब्ध होते हे। जैसे अदरक जोकि प्रभावी हे फेफड़ो से म्यूकस को कम करने में जबकि प्याज और हल्दी श्वसन तंत्र की समस्याओ से निपटने में प्रभावी हे। कुछ आसान रेसिपीज इस प्रकार हे जोकि lungs cleansing या फेफड़ो के ditoxification के लिए बहुत प्रभावी हे।

1 --  सामग्री --  दो बड़े चम्मच पिसी हल्दी
                      एक बड़ा टुकड़ा अदरक
                      400 gm प्याज
                     रॉ शुगर (शक्कर)
                    1 लीटर पानी

विधि ----   पानी को उबाले और उसमे शक्कर मिला ले। फिर उसमे बारीक कटे अदरक और प्याज डाले। गैस कम करके पकाए फिर हल्दी डाल दे। जब पानी 3/4 या तकरीबन आधा रह जाये तो गैस बंद करके उसे ठंडा कर ले। किसी कांच की बोतल या ज़ार में छानकर भर ले और फ्रिज में रखे। सुबह खाली पेट दो चम्मच और शाम को खाने के 2 घंटे बाद दो चम्मच सेवन करे। इसे 3 या 4 दिन फ्रिज में स्टोर करे फिर नया बना ले।

2 ---  सामग्री -- ऑर्गेनिक शहद ( honey)
                     1/2 kg गाजर (carrot)

विधि --   गाजर को पहले सिरका मिले पानी से अच्छी तरह धो ले और छोटा छोटा काट ले। फिर एक बर्तन में पानी के साथ गाजर को उबाल ले। गाजर को इतना उबाले की वह सॉफ्ट हो जाये। इसे ठंडा कर ले। इसका पानी फेंके नही बल्कि इसी पानी में किसी ब्लेंडर या फोर्क की मदद से गाजर को अच्छी तरह मैश कर ले। अब इसमें 4 बड़े चम्मच शहद मिलाये। इसे अच्छी तरह मिक्स करके किसी कांच के ज़ार में भरकर फ्रिज में स्टोर करे। रोजाना खाने के बाद 3 चम्मच इसका सेवन करे। कुछ सप्ताह में ही श्वसन तंत्र के स्वास्थ्य में लाभकारी बदलाव नजर आता हे।

3 --- सामग्री --   पुदीना ( peppermint)
                      शहद  ( honey)

विधि --  पानी गर्म करे और उसमे पुदीना डालकर कुछ देर उबाले। फिर ठंडा करके एक गिलास में छान ले। अब इसमें एक चम्मच शहद मिलाये। दिन में दो बार इसका सेवन करे।

   इनके साथ ही फेफड़ो (lungs) के लिए लाभकारी कुछ फूड्स इस प्रकार हे।

फूड्स फॉर लंग्स ( food for lungs) -- लहसुन,प्याज,अदरक, हल्दी, पत्तागोभी, ब्रोकोली, फूलगोभी, काली मिर्च, कद्दू, अनार, सेब, अनन्नास, गाजर, नारंगी, केले, अंगूर, सूखे मेवे खासकर अखरोट,आंवले आदि।
इन फूड्स का किसी ना किसी तरह सेवन करते रहना चाहिए। मौसमी फलो का भी भरपूर सेवन करना चाहिए।
   

Wednesday 31 May 2017

तम्बाकू एक धीमा जहर

हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू दिवस के रूप में मनाया जाता हे। तम्बाकू से होनेवाले नुकसान के प्रति लोगो में जागरूकता के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संघठन द्वारा इसकी शुरुआत की गयी। दुनियाभर में 1.3 अरब लोग किसी ना किसी तरह तम्बाकू का इस्तेमाल करते हे।
अंतर्राष्ट्रीय व्यस्क तम्बाकू सर्वेक्षण के मुताबिक भारत की 34.6  फीसदी व्यस्क आबादी तम्बाकू का सेवन करती हे। इनमे से 47.9 फीसदी आबादी पुरुषो की हे और 20.3 फीसदी आबादी महिलाओ की।
धुँआ रहित तम्बाकू ( खैनी, ज़र्दा, गुटखा) इस्तेमाल करने वालो की संख्या 40% से अधिक हे।
  भारतीय चिकित्सा अनुसन्धान (ICMR) की रिपोर्ट में कहा गया हे की पुरुषो में 50% और स्त्रियों में 25% केंसर की वजह तम्बाकू हे। धुँआ रहित तम्बाकू में 3000 से अधिक रासायनिक यौगिक होते हे इनमे से 29 रसायन कैंसर पैदा कर सकते हे।
  तम्बाकू में निकोटिन , केडमियम और मोनोऑक्साइड तत्व सेहत के लिए अत्यंत हानिप्रद हे।
कैंसर के अतिरिक्त तम्बाकू सेवन से हार्ट अटेक, कोरोनरी ह्रदय रोग, छाती में जकड़न,दर्द, स्ट्रोक, एन्जाइना, क्रोनिक ब्रोंकाइटिल, निमोनिया, मसूडो और दांतों की बीमारी ,  उच्च रक्तचाप, अवसाद, जबड़ो में जकड़न, ऊर्जा में कमी , अल्सर, दमा आदि का भी खतरा रहता हे। धूम्रपान के धुएं में 4000 रसायन मौजूद रहते हे।
सर्कार को पान मसाला व सिगरेट आदि की बिक्री से जो राजस्व प्राप्त होता हे उससे कही अधिक राशि उसे तम्बाकू जनित रोगों से निपटने में खर्च करनी पडती हे।
  तम्बाकू के खतरे को नजरंदाज़ करना नुकसानदायक ही नही बल्कि आत्मघाती भी होता हे।
  तम्बाकू के खतरों के बारे में जागरूकता ही इसके नुकसान से बचने का सर्वोत्तम उपाय हे। इसके खतरों का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए। स्कूलो के पाठ्यक्रमों में भी इसे शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि ज्यादातर व्यस्क आबादी ही इससे ग्रसित हे।
  तम्बाकू छोड़ने के उपायों के बारे में भी ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार किया जाना आवश्यक हे। जो व्यक्ति तम्बाकू छोड़ने का संकल्प कर चुका हो उसे चाहिए की भोजन में एंटीऑक्सीडेंट्स युक्त फलों व सब्जियों को वरीयता दे। फाइबर युक्त रेशेदार आहार का सेवन भी लाभदायक हे ताकि आंतो के सुचारू संचालन के कारण शरीर से हानिकारक पदार्थ मल के जरिये बाहर निकल सके।  तम्बाकू छोड़ते समय निकोटिन की तलब पूरी करने के लिए निकोटिन की चुइंगम या टेबलेट आती हे जिनका प्रयोग डॉक्टर की सलाह से किया जा सकता हे।
  प्रतिदिन योग प्राणायाम करना चाहिए ताकि इच्छा शक्ति मजबूत हो। पेय पदार्थ का सेवन अधिक करें मगर कॉफ़ी, मीठी चीजो और अधिक कैलोरी वाली चीजो का सेवन कम करे।
  तम्बाकू छोड़ने की कोशिश करने पर बचैनी , अनिंद्रा, तनाव, सिरदर्द, हाथ पैर कांपना, भूख ना लगना जैसे लक्षण शुरू हो जाते हे। जिन्हें विड्रावल लक्षण (withdrawal symptoms) कहा जाता हे।
  इन लक्षणों से दृद निश्चय , पूरी कोशिश,  नियमित दिनचर्या, योगाभ्यास  और पोषक स्वास्थ्यकर भोजन के द्वारा निपटा जा सकता हे। आत्म विश्वास बनाये रखना जरुरी हे।
  दिन में दो चार बार सौफ, इलायची, सूखे आवले आदि चबाते रहे।
   अदरक के छोटे छोटे टुकड़े करके नींबू के रस में भिगोकर, थोडा काला नमक डालकर धूप में सुखा ले। बीच बीच में ये चबाते रहे। इससे तलब कम होती हे और भूख बढती हे।
    याद रखे तम्बाकू जहर हे और आपके साथ घटित होनेवाली हर घटना का असर आपके अपनों, आपके परिवार पर भी पड़ता हे। अत: इस धीमे जहर से खुद को बचाकर रखे।

Tuesday 30 May 2017

विटामिन डी की कमी से होने वाले नुकसान vitamin d deficiency (hindi)

विटामिन डी एक जरुरी पोषक तत्व हे जो शरीर में केल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी हे। ये सूरज की रौशनी के सम्पर्क में आने पर त्वचा में खुद ब खुद बनने लगता हे। सूरज की रौशनी में 10 मिनट खड़े रहने पर भी पर्याप्त विटामिन डी मिल जाता हे मगर दुर्भाग्य से देश में पर्याप्त सूरज की रोशनी होने पर भी लगभग 65 से 70 फीसदी भारतीयों में विटामिन डी की कमी हे। और अन्य 15 फीसदी में विटामिन डी अपर्याप्त मात्रा में हे।
विटामिन डी की कमी और कम मात्रा में केल्शियम का सेवन आस्टियोपोरोसिस, निम्न बोन मास और मांसपेशियो की कमजोरी के महत्वपूर्ण जोखिम कारक हे।
 
विटामिन डी की कमी के लक्षण --  जोड़ो या पीठ में दर्द, थकान, डिप्रेशन , मांसपेशियो में दर्द आदि।

विटामिन डी की कमी के कारण --  सूरज की रौशनी कम मिलना, सनस्क्रीन का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल करना, त्वचा का रंग निर्धारित करने वाले पिगमेंट मेलानिन का अधिक होना भी विटामिन डी की कमी का कारण बन सकता हे। मेलानिन सूरज की रौशनी से त्वचा में विटामिन डी बनने की प्रक्रिया को बाधित करता हे।
  बहुत ज्यादा वजन होने के कारण भी विटामिन डी की कमी हो सकती हे क्योकि रक्त में विटामिन डी को फैट कोशिकाए अवशोषित कर लेती हे जिसके कारण समस्या बढ़ सकती हे।
कुछ बीमारियों जैसे कोलिएक डिजीज़, पाचन तंत्र में कोई गड़बड़ी होने से भी कई बार खाने की चीजो में मौजूद विटामिन डी अवशोषित नही हो पाता और इसकी कमी हो जाती हे।

विटामिन डी की कमी से हड्डिया कमजोर और भुरभुरी हो जाती हे साथ ही विटामिन डी ह्रदय , मस्तिष्क और प्रतिरोधी कार्यो के लिए भी सामान रूप से महत्त्वपूर्ण हे। स्वस्थ शरीर बनाये रखने में विटामिन डी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता हे।

विटामिन डी  अंडा,  मशरूम, चीज, मछली,  कॉड लिवर  और फोर्टीफाइड दूध में होता हे।
विटामिन डी की ज्यादा कमी होने पर सिर्फ सूरज की रौशनी और खाने पीने की चीजो से इस कमी को पूरा नही किया जा सकता। इसके लिए सप्लीमेंट लेने होते हे। ज्यादातर सप्लीमेंट्स ऐसे होते हे जिन्हें हफ्ते में एक ही बार लेना होता हे।

Saturday 27 May 2017

स्ट्रेस या तनाव का शरीर पर प्रभाव

स्ट्रेस एक प्राकृतिक शारीरिक और मानसिक रिएक्शन हे जोकि अच्छे और बुरे दोनों तरह के अनुभव के परिणामस्वरूप उत्पन्न होता हे। सीमित मात्रा में ये स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए लाभकारी हे। शरीर स्ट्रेस के कारण हार्मोन रिलीज़ करता हे जिसके कारण हार्ट और ब्रीद (श्वसन) रेट बढ़ जाती हे। ब्रेन ज्यादा ओक्सीजन प्राप्त करता हे और दिमाग की सतर्कता बढ़ जाती हे परिणामस्वरुप इंसान किसी भी मुश्किल स्थिति से लड़कर, उस परिस्थिति से बाहर निकलने में सक्षम हो जाता हे।
  सर्वाइव करने के लिए स्ट्रेस जितना जरुरी हे, छोटी छोटी बातो पर बेवजह स्ट्रेस लेना या लगातार और क्रोनिक स्ट्रेस स्वास्थ्य और सेहत के लिए उतना ही नुकसानदायक हे।
स्ट्रेस के शरीर पर होने वाले प्रभाव इस प्रकार हे -----

1 --  हेडेक या सिरदर्द क्रोनिक स्ट्रेस का एक कॉमन साइड इफ़ेक्ट हे।

2 -- लगातार स्ट्रेस नींद में बाधक हे और अनिंद्रा (insomia) का कारण हे।

3 -- स्ट्रेस और नींद की कमी डिप्रेशन की वजह बन सकता हे।

4 -- स्ट्रेस या तनाव सांस की गति तेज कर देता हे, जिससे शरीर को ज्यादा ओक्सीजन मिलती हे मगर किसी को श्वसन सम्बन्धी परेशानी ( respiratory problem)  हो तो सांस लेने में तकलीफ हो सकती हे और ये घातक हो सकता हे।

5 -- तनाव हार्ट रेट बढ़ा देता हे और ह्रदय की मांसपेशिया सिकुड़ जाती हे। ऐसी स्थिति में दिल के दौरे की आशंका बढ़ जाती हे।

6 -- तनाव की स्थिति में शरीर में तनाव के हार्मोन कार्टिसोल और एपिनेफ्रीन रिलीज़ होने लगते हे जिसकी वजह से लिवर तेजी से और बहुत अधिक मात्रा में ग्लूकोज बनाता हे ताकि शरीर को उर्जा मिल सके। मगर लगातार तनाव की स्थिति में डाइबिटीज की आशंका पैदा हो जाती हे।

7 -- क्रोनिक स्ट्रेस से गेस्ट्रोइंटेस्टनल प्रॉब्लम, हार्ट बर्न या एसिड रिफ्लक्स, वोमिटिंग, डायरिया, कब्ज़ आदि होने की सम्भावना बढ़ जाती हे।

8 -- स्ट्रेस हार्मोन की वजह से त्वचा की तेल ग्रंथिया अधिक सक्रीय हो जाती हे। फलस्वरूप अस्थायी मुहांसे, एक्ने और अन्य त्वचा संबंधी व्याधिया उत्पन्न हो सकती हे।

9 -- स्ट्रेस हेयर लॉस का भी कारण बन सकता हे। अत्यधिक तनाव की वजह से बाल तेजी से झड़ने लगते हे। विशेषज्ञों के मुताबिक अत्यधिक तनावपूर्ण घटना के तीन महीनो बाद तक बाल झड़ने की समस्या हो सकती हे।

10 --  स्ट्रेस या तनाव की वजह से शोर्ट टर्म मेमोरी लॉस भी हो सकता हे। तनाव से भूलने की बीमारी बढ़ने की आशंका बढ़ जाती हे।

Wednesday 17 May 2017

अच्छी नींद के लिए असरदार उपाय

अच्छी नींद एक वरदान हे। भरपूर नींद लेना सेहत के लिए बहुत जरुरी हे। आजकल व्यस्त दिनचर्या और देर रात तक जागने के कारण अनिंद्रा ( insomnia) की  समस्या बढती जा रही हे। अनिंद्रा की समस्या दूर करने और अच्छी नींद लेने के कुछ असरदार उपाय इस प्रकार हे। -----

1 -- सोने से दो घंटे पहले कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन से दूरी बना ले ताकि आँखों को आराम मिले और नींद आ सके।

2 -- अच्छी नींद के लिए ये जरुरी हे की सोने का एक समय निश्चित करे और दृढ़ता से रूटीन का पालन करे, इससे नियमित रूप से वक़्त पर नींद आने लगती हे।

3 -- गहरी सांस लेना भी अच्छा उपाय हे। इसके लिए मुह बंद करके नाक से धीरे धीरे और गहरी सांस ले। फिर अपनी सांसो को कुछ सेकंड तक रोके। फिर धीरे धीरे मुंह से सांस छोड़े। दोबारा नाक से गहरी सांस ले। इस चक्र को चार पांच बार दोहराए। इससे नींद अच्छी आती हे।

4 -- हल्दी शरीर में ट्रिप्टोफेन नामक अमीनों अम्ल बनाता हे जो गहरी नींद में सहायक हे। इसलिए सोने से आधा घंटा पहले हल्दी वाला दूध पिए। इससे गहरी और अच्छी नींद आती हे।

5 -- अखरोट के सेवन से नींद अच्छी आती हे क्योकि इसमें मेलाटोनिन हार्मोन होता हे जो नींद के लिए प्रेरित करता हे।

6 -- सोने से आधा घंटा पहले गुनगुने दूध में शहद डालकर पीना अच्छी नींद लाने में सहायक हे।

7 -- गर्म दूध में केसर की कुछ पत्तिया डालकर पीना भी लाभप्रद होता हे।

8 -- सोने से कुछ देर पहले केले का सेवन भी नींद लाने में सहायक हे। केले में काफी मात्रा में पोटेशियम होता हे जो मांसपेशियो की ऐंठन दूर करके मांसपेशियो को सुकून देता हे और अच्छी नींद प्रदान करता हे।

8 -- चेरी में प्राकृतिक रूप से मेलाटोनिन हार्मोन होता हे जो नींद के लिए प्रेरित करता हे अत: सोने से पहले एक कप चेरी का रस पीना भी अच्छा उपाय हे।

9 --  सोने से पहले एक कटोरी भर कर अंगूर का सेवन करना भी सकारात्मक परिणाम देता हे।

10 -- रोज़ाना मुट्ठी भर मूंगफली का सेवन भी अच्छा हे। इसमें नियासिन नामक तत्व होता हे जो शरीर में सेरोटोनिन के स्राव में मदद करता हे। सेरोटोनिन हार्मोन सुकून का अहसास देता हे और नींद में सहायक हे।

11-- सोने के स्थान को आरामदायक और कूल रखना भी जरुरी हे। कमरे का तापमान 20 से 22 डिग्री हो तो नींद अच्छी आती हे।

12 -- अच्छी नींद के लिए ये भी जरुरी हे की रात को चाय या कॉफ़ी का सेवन ना करे क्योकि कैफीन नींद में बाधक हे। कैफीन सुबह के समय लेना बेहतर हे।